आदिवासी बहुल जिला होने के साथ यहाँ के 12 लाख 22 हजार 814 आदिवासियों की जिन्दगी में पानी को लेकर सदैव संकट बना रहता है। अक्सर पानी धरती की गहराई में चला जाता है। भू-जलस्तर 10 से 80 मीटर तक जाता है। पानी में सबसे ज्यादा परेशानी फ्लोराइड की है। 13 विकासखण्ड में 324 ग्राम ऐसे हैं जहाँ फ्लोरोसिस की समस्या है। इनमें से 178 गाँव की 813 बसाहटें ज्यादा प्रभावित हैं। ये सभी गाँव आदिवासी बहुल हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 1 हजार 683 ऐसे स्रोत हैं जिनमें फ्लोराइड की मात्रा है।
आदिवासी बहुल जिला होने के साथ यहाँ के 12 लाख 22 हजार 814 आदिवासियों की जिन्दगी में पानी को लेकर सदैव संकट बना रहता है। अक्सर पानी धरती की गहराई में चला जाता है। भू-जलस्तर 10 से 80 मीटर तक जाता है। पानी में सबसे ज्यादा परेशानी फ्लोराइड की है। 13 विकासखण्ड में 324 ग्राम ऐसे हैं जहाँ फ्लोरोसिस की समस्या है। इनमें से 178 गाँव की 813 बसाहटें ज्यादा प्रभावित हैं। ये सभी गाँव आदिवासी बहुल हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 1 हजार 683 ऐसे स्रोत हैं जिनमें फ्लोराइड की मात्रा है।