पिछले पखवाड़े ये संकेत मिल गया कि नमामि गंगे की गाड़ी की स्टेरिंग तो गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती के हाथों में ही रहेगी लेकिन ब्रेक, क्लच, एक्सीलेटर और गेयर पर नियंत्रण दूसरे मंत्रियों और पीएमओ का रहेगा।
अपेक्षित परिणाम ना मिलते देख पीएमओ ने नमामि गंगे से कई मंत्रालयों को जोड़ दिया है अब पर्यावरण मंत्रालय, सड़क एवं परिवहन, मानव संसाधन मंत्रालय, स्वच्छता एवं पेयजल मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, युवा एवं खेल मंत्रालय, पोत परिवहन मंत्रालय मिलकर नमामि गंगे की गाड़ी को आगे बढ़ाएँगे।
इन मंत्रालयों के बीच 30 जनवरी को एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गए हैं। सहमति पत्र के अनुसार, गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाने के लिये सात मुख्य क्षेत्रों की पहचान की गई है साथ ही 21 कार्य बिन्दु तय किये गए हैं।