विधानसभा चुनाव 2017 पर विशेष
पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों में पानी के मुद्दे पर होड़ मची है लेकिन दुखद यह है कि इसमें पंजाब के लोगों के पानी की चिन्ता कम और अपना हित साधने की हड़बड़ी ज्यादा नजर आती है। पानी जैसे आम लोगों से जुड़े और जरूरी एवं अहम मुद्दे पर भी सिर्फ बयानबाजी ही की जा रही है।
महज सतलुज-यमुना लिंक नहर योजना के मुद्दे को ही पानी का समग्र मुद्दा मान लिया गया है। जबकि यह पूरे प्रदेश के पानी की किल्लत के मद्देनजर एक छोटा-सा अंश भर है। इस चिन्ता में न तो खेती में पानी को बचाने की तकनीकों की कोई बात है, न ही बारिश के पानी को जमीन में रिसाने की चिन्ता और न ही तेजी से खत्म होती जा रही पानी के परम्परागत संसाधनों को लेकर कोई बात है। पंजाब के सूखे इलाकों में पानी को लेकर दलों के पास फिलहाल कोई दृष्टि (विजन) नहीं है।