जहरीली होती यमुना नदी
Source: एनडीटीवी, 15 मई 2012 यह विडंबना है देश की पवित्र नदियों में शामिल यमुना दिल्ली में एक गंदे नाले में तब्दील हो गई है। यमुना की इस हालत के लिए कई कारक हैं। घरेलू और औद्योगिक अपशिष्ट को लेकर...
View Articleराजीव गांधी के अधूरे सपने को आयोग नहीं, संकल्प की तलाश
लेखक: अरुण तिवारी सरकार का जलविद्युत परियोजनाओं को ही सबसे सस्ता व सबसे कम नुकसानदेह बताने का उसका नजरिया बदला नहीं है। इस पर सरकार समझौते की मुद्रा में कतई दिखाई नहीं देती। यही बात सबसे खतरनाक है और...
View Articleसाफ माथे का पानी
Author: सिराज केसर/मीनाक्षी अरोड़ा Source: कादम्बिनी, जून 2012 आज का विज्ञान और तकनीकी की बात करने वाला नदियों से अलग-थलग पड़ा यह समाज जल-चक्र को ही नकार रहा है। इस नई सोच का मानना है कि नदियां...
View Articleधंसती धरती जहर मिला जल
Author: दीपक रस्तोगी Source: नेशनल दुनिया, 27 मई-02 जून 2012 जादवपुर विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ एन्वायरमेंटल स्टडीज की हाल में जारी रिपोर्ट के अनुसार, कोलकाता के 114 में से 78 वार्ड इलाकों के नलकूपों...
View Articleअनोखे पारिस्थितिकी तंत्र महासागर
लेखक: नवनीत कुमार गुप्ता Source: चरखा फीचर्स, 08 जून 2012 हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि विश्व की लगभग 21 प्रतिशत आबादी महासागरों से लगे 30 किलोमीटर तटीय क्षेत्र में निवास करती है इसलिए अन्य जीवों...
View Articleमहाराष्ट्र सूखा क्यों
Source: एनडीटीवी, 25 मई 2012 महाराष्ट्र में 15 जिले अकाल की चपेट में हैं। पश्चिमी महाराष्ट्र के इलाके इस कदर सूखे की मार झेल रहे हैं कि वहां के खेत रेगिस्तान जैसे नजर आने लगे हैं। अकालग्रस्त क्षेत्र...
View Articleजलवायु परिवर्तन और वंचित समाज
लेखक: सुरेश नौटियाल धरती के गर्म होते मिजाज, इसकी वजह से हो रहे जलवायु परिवर्तन और अंतत: मानव के साथ-साथ तमाम जंतुओं और वनस्पतियों, वृक्ष प्रजातियों, फसलों इत्यादि पर हो रहे असर को कम करने के लिए...
View Articleवैश्विक जल संसाधन
लेखक: मीनाक्षी अरोरा Source: समकालीन भारत II, सीबीएसई- कक्षा दस प्रस्तुत प्रेजेन्टेशन सीबीएसई- कक्षा दस एनसीईआरटी की भूगोल की पाठ्यपुस्तक- समकालीन भारत II पर आधारित है। प्रेजेन्टेशन की विभिन्न...
View Articleटिकाऊ भविष्य की ओर ले जायेगा क्या रियो+20?
लेखक: सुरेश नौटियाल Source: रियो से सुरेश नौटियाल, 11 जून 2012 यह सम्मेलन धरती को ताप और जलवायु परिवर्तन से बचाने के अलावा भी कई और मायनों में खास है, इसीलिये इसमें प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों...
View Articleरियो+20 का आयोजन : हम भविष्य की पीढ़ियों को कैसी पृथ्वी देना चाहते हैं
Author: बान की मून Source: नवभारत टाइम्स, 30 मई 2012 1992 में लगभग 20 साल पहले पृथ्वी सम्मेलन का आयोजन किया गया था। जो ब्राजील के शहर रियो दि जेनेरियो में हुआ था। यह सम्मेलन पृथ्वी पर जीवों के सतत्...
View Articleरियो+20 के लिए राष्ट्रीय व वैश्विक प्राथमिकताएं
Source: पैरवी, साडेड, भारत जनविज्ञान जत्था, आदि संगठनों द्वारा जारी पर्चा रियो सम्मेलन विश्व स्तर पर होने वाला सबसे बड़ा सम्मेलन है जो कि विकास के भविष्य का एजेंडा व रणनीति को तय करने में महत्वपूर्ण...
View Articleसानंद के साथ बदसलूकी, भरत झुनझुनवाला पर हमला
Source: दैनिक जागरण, 22 जून 2012 22 जून की सुबह जी.डी अग्रवाल के साथ धारी देवी के जाने के दौरान बांध समर्थकों ने बदसलूकी की और उनकी गाड़ी का पीछा किया और पथराव किया। फिर बाद में प्रसिद्ध लेखक भरत...
View Articleथाली में जहर
Source: सत्यमेव जयते, 24 जून 2012 देश की एक बड़ी आबादी धीमा जहर खाने को मजबूर है। हम बात कर रहे हैं भोजन के साथ लिए जा रहे उस धीमे जहर की, जो सिंचाई जल और कीटनाशकों के जरिए अनाज, सब्जियों और फलों में...
View Articleकोलकाता की ‘किडनी’ को लगा रोग
Author: दीपक रस्तोगी Source: नेशनल दुनिया, 17-23 जून 2012 अंधाधुंध शहरीकरण की वजह से कोलकाता का वेटलैंड क्षेत्र तेजी से घट रहा है। एक अनुमान के अनुसार, अब यह क्षेत्र 10 हजार एकड़ तक सिमट कर रह गया...
View Articleमहिलाएं ही बचा सकती हैं खेती को
Author: बाबा मायाराम यह कहा जा सकता है कि कृषि में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। खासतौर पर जंगल और पहाड़ में खेती उन पर ही निर्भर है। नई रासायनिक और आधुनिक खेती में जो अभूतपूर्व संकट आया है उससे...
View Articleपृथ्वी को वसुंधरा बनाती वर्षा
Author: विश्वनाथ त्रिपाठी Source: नेशनल दुनिया, 24-30 जून 2012 यह ज्येष्ठ मास है। ग्रीष्म अपने पूर्ण प्रताप में है। इस ताप में वर्षा की इच्छा बसी है। कहते हैं- ‘जब जेठ तपै निरंता, तब जानौ बरखा...
View Articleमाजुली का हीरो जिंदा है
Author: अंशु मेश्क Source: चरखा फीचर्स सोलह वर्ष बाद आज भी हमें इस प्रश्न का उत्तर नहीं मिल पाया है कि माजुली को बचाने के लिए दूसरा कोई उपाय क्या है? संजय लिखते हैं ‘‘हमें लोगों के इस हौसले और शक्ति...
View Articleयमुना भी एक नदी थी
Author: हरिकृष्ण यादव Source: जनसत्ता रविवारी, 24 जून 2012 हरियाणा जहां अपने कारखानों के जहरीले कचरे को दिल्ली भेज रहा है वहीं दिल्ली भी उत्तर प्रदेश को अपने गंदे नालों और सीवर का बदबूदार मैला पानी...
View Articleमरती गंगा
Author: निराला Source: तहलका, 13 जून 2012 लगभग 40 करोड़ लोगों को अपने पानी से सिंचने वाली गंगा विलुप्त होना तय माना जा रहा है। जैसे राष्ट्रीय पक्षी मोर और राष्ट्रीय पशु शेर धीरे-धीरे खत्म हो चुके...
View Articleयमुना नदी का मर्सिया
Author: अतुल चौरसिया Source: तहलका, 13 जून 2012 यमुना, गंगा से ज्यादा अच्छी है क्योंकि यमुना में पानी की मात्रा एक चौथाई है और उसके इलाके चट्टानी नहीं होकर मिट्टी वाले हैं। जिससे यमुना पर गंगा के...
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