प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश की सत्ता पर काबिज होते ही गंगा सफाई के अपने वादे को पूरा करने में केन्द्र सरकार अपने पूरे जोशो-खरोश के साथ जी-जान से जुट तो गई है और नमामि गंगे मिशन की कामयाबी के लिये सरकार के सात मंत्रालय यथा जल संसाधन, शहरी विकास, ग्रामीण विकास, पेयजल व स्वच्छता, पर्यटन, मानव संसाधन विकास, आयुष व नौवहन मंत्रालय इस चुनौती का मुकाबला करने की दिशा में कोई कोर-कसर भी नहीं रख रहे हैं।
गंगा की शुद्धि के लिये केन्द्र सरकार ने बजट में 20 हजार करोड़ की राशि आवंटित की है। लेकिन इस सबके बावजूद गंगा के भविष्य को लेकर शंका बरकरार है और यह भी कि केन्द्र सरकार के लक्ष्य के अनुरूप गंगा प्रदूषण मुक्त हो पाएगी, इसमें भी सन्देह है।